बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बाद बढ़ते तापमान ने आम के किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. आम के पेड़ और फलों पर कीटों और रोग का हमला शुरू हो गया है. कीटल लगने के चलते आम पेड़ पर ही सड़ने लगते हैं. धीरे-धीरे पेड़ से फल नीचे गिरने लगते हैं. इसके बाद ये फल किसी काम के नहीं होते हैं. इसलिए किसानों भाइयों को कीटों और रोग से आम के पेड़ और फल को बचाने के लिए एहतियाती उपाय कर सकते हैं. (Image- Freepik)
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ऐसे करें रेड बैंडेड कैटरपिलर की पहचान
फलदार आम के वृक्षों को कीटों से नुकसान हो सकता है. ऐसे में रेड बैंडेड कैटरपिलर की पहचान करना जरूरी है. इसके वयस्क कीट का रंग मटमैला होता है और कीट के पंख हल्के नीले रंग के होते हैं और दिन में पत्तियों के नीचे रहते हैं. कीटा का लार्वा फलों में छेद कर गुदे को खाता है और यह गुठली में भी छेद कर देता है. प्रभावित फलों पर काले रंग के धब्बे उभरने लगते हैं. प्रभावित फल समय से पहले गिरने लगते हैं.
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रेड बैंडेड कैटरपिलर से कैसे करें सुरक्षा
कृषि विभाग, बिहार सरकार के मुताबिक, रेड बैंडेड कैटरपिलर की रोकथाम के लिए प्रभावित फल (जिन पर काले धब्बे नजर आए) को शीघ्र ही तोड़कर नष्ट करें. आम के मंजर आने के बाद दो महीने तक 15 दिनों के अंतराल पर एजाडिराक्टिन 1500 पीपीएम 05 मिली/लीटर पानी के घोल में छिड़काव करें.
इस कीमट की मादा हल्के भूरे रंग की होती है, जो छाल में काटे और दरारों में सुरंग बनाकर अंडे देती है और 10 दिनों के बाद इसके पिल्लू छिलकों को खाकर पौधों को कमजोर बना देते हैं. अधिक आक्रमण की स्थिति में प्रभावित शाखाओं में फल नहीं होता है.
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कैसें करें फलदार आम के पेड़ों की सुरक्षा
पेड़ के अथवा दरारों में सुरंग को साइकिल के स्पोक या तार से साफ कर लेना चाहिए. सुरंग में पेट्रोल अथवा क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी का 5 मिलीमीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर सिरिंज द्वारा छिद्रों/सुरंगों में डालकर गिली मिट्टी से बंद कर दें, जिससे जीवित कैटर पिलर नष्ट हो जाते हैं.
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